आखिर 23 जून को पटना में होने क्या वाला है

बिहार में 23 तारीख को होने जा रही विपक्षी दलों की बैठक में आखिर क्या फैसला आने वाली है!

और इस बैठक को हम किस मायने से देखें?


यह बैठक क्या एक बहुत बड़ी विकल्प के रूप में सामने आएगी या इस बैठक का कोई बड़ा मतलब निकलेगा?


 23 तारीख को पटना में आयोजित और होने जा रही है तमाम भारतवर्ष के विपक्षी दलों की बैठक, इस बैठक को आयोजन करने के लिए नीतीश कुमार ने पटना में बहुत तैयारी की है पटना के गेस्ट हाउस को तैयार किया है इस बैठक के बाद कहा जा रहा है कि नीतीश कुमार के आवास पर एक लंच का आयोजन किया जाएगा, इस बैठक की क्या मायने हैं चलिए आज हम लोग इसी पर चर्चा करेंगे।


23 तारीख को जो बैठक होने जा रही है जिसमें निश्चित तौर पर नीतीश कुमार इस बैठक का आयोजन कर रहे हैं, जिसमें बड़ी बात यह है कि कांग्रेसी से राहुल गांधी जी भी आ रहे हैं, इस बैठक में राहुल गांधी जी के आने का मतलब यह रहेगा इस बैठक में जो फैसला लिया जाएगा वह कांग्रेस का अंतिम फैसला होगा।

और इस बैठक में ममता बनर्जी शामिल हो रही है यह बैठक राहुल गांधी और ममता बनर्जी के साथ-साथ अरविंद केजरीवाल के लिए भी निर्णायक होगा, अरविंद केजरीवाल जो कि दिल्ली के मुख्यमंत्री है दिल्ली में हाल ही में ऑर्डिनेंस लाकर केंद्र सरकार ने दिल्ली सरकार के सुप्रीम कोर्ट से मिली राहत को उन्होंने पलटा दिया है। अरविंद केजरीवाल, राहुल गांधी और ममता बनर्जी किस प्रकार से इस बैठक में अपनी अपनी बातें रखेंगे यह सबसे दिलचस्प होगा।

पिछले दिनों इनमें से कई पार्टियां आमने सामने कई मुद्दों पर आ चुकी है।


मेरे मुताबिक इस बैठक का कोई बहुत बड़ा मतलब सामने नहीं आएगा?


 23 तारीख को बहुत बड़ा ऐलान नहीं होने वाला है, यह बैठक में ना ही प्रधानमंत्री उम्मीदवार का एलान होगा, जिस तौर पर मीडिया इस बैठक को दिखा रही है मेरे मुताबिक इस बैठक का कोई बहुत बड़ा मतलब सामने नहीं आएगा।

 यह एक मुलाकात होगी उस मुलाकात से विपक्षी एकता का संदेश तो जरूर जाएगा पर अंदर खाने आपस में इतनी लड़ाई और मनमुटाव होने के कारण मुझे नहीं लगता है कि इस मीटिंग का कोई बहुत बड़ा मतलब सामने आने वाला है। हां यह हो सकता है कि आने वाले चुनाव यानी की जब राजस्थान, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश और तेलंगाना के चुनाव समाप्त हो जाएंगे उसके बाद जो प्रस्तुति बनेगी उस समय देखा जा सकता है कि कौन-कौन पार्टी साथ में गठबंधन करेगी और किन राज्यों में गठबंधन के लिए तैयार होंगी।


मेरे मुताबिक कांग्रेस को सबसे ज्यादा सीटों का नुकसान होगा, कांग्रेस 200 सीटों पर सीधा मुकाबले में है वह तो 200 सीटों पर चुनाव लड़ेंगी ही मगर बाकी के राज्यों में क्या कांग्रेस बड़ा दिन दिखाते हुए क्षेत्रीय पार्टी को चुनाव लड़ने देगी, जैसे कि बंगाल, पंजाब, दिल्ली, तेलंगना, उत्तर प्रदेश और बिहार।


23 तारीख के बैठक के बाद मुझे नहीं लगता है कि कुछ बहुत बड़ा फैसला आएगा हां उसके बाद धीरे-धीरे तस्वीर कुछ साफ जरूर होगी।


धन्यवाद।