भारत के अनमोल धरोहर से छेर छार

हिंदुस्तान से 200 किलोमीटर दक्षिण पश्चिम में भारत का अनमोल धरोहर को बेचा जा रहा है और दुख की बात यह है कि राष्ट्रीय अखबारों से यह खबर दूर है, चुनिंदा अखबार, टीवी चैनल इस खबर को दिखला जरूर रहे हैं, पर यह काफी नहीं है।

लक्षद्वीप कुल 35 छोटे-छोटे द्वीप से बना हुआ 32 किलोमीटर का भारत की सबसे छोटी केंद्र शासित प्रदेश है। इस प्रदेश में ना कोई विधानसभा ना ही कोई मुख्यमंत्री होता है, यहां एक मात्र लोक सभा सीट, कुछ पंचायत और एक एडमिनिस्ट्रेटर जो कि भारत के राष्ट्रपति के द्वारा नियुक्त होते हैं, जो एडमिनिस्ट्रेटर होते हैं वह पूरे शासन के जिम्मेदार होते हैं।


हाल में लक्षद्वीप क्यो चर्च में? दिनेश्वर शर्मा जो पहले यहां के एडमिनिस्ट्रेटर थे उनकी मृत्यु होने के बाद यह स्थान प्रफुल्ल के पटेल को सौंप दिया गया इससे पहले यह दमन एंड दिउ और दादर एंड नगर हवेली के भी एडमिनिस्ट्रेटर है, इनके बने के बाद लिया गए कई फैसले से जनता बेहद नाखुश है। 

हाल में उन्होंने पंचायत से पांच अलग-अलग अधिकार को छीन लिया शिक्षा, स्वास्थ्य ,एनिमल हसबेंडरी, खेती और मछली पालन जेसी अधिकारों को पंचायत से छीन कर अपने पार रख लिया। 

पंचायत स्तर पर उन्होंने यह कानून भी लागू किया कि जिन्हें 2 से ज्यादा बच्चे हो तो वह पंचायत चुनाव नहीं लड़ सकते है

एंटी गुंडा एक्ट का ड्राफ्ट भी तैयार किया गया है इस कानून से पुलिस को यह अधिकार मिल जाएगा कि वह किसी भी व्यक्ति को बिना वारंट के एक साल तक के लिए जेल में डाल सकते हैं, हालाकि यह कानून हाल में ही बिहार में लागू किया जा चुका है।


लक्षद्वीप में पूर्ण शराबबंदी काफी समय से है मगर हाल में यह फैसला लिया गया कि अब वहां शराब की दुकानें को खोलने की मंजूरी मिल चुकी है


पिछले साल जब पूरे देश में पहली कोरोना की लहर थी तब लक्षद्वीप में एक भी कोरोना संक्रमण केस नहीं था क्योंकि वहां किसी को भी प्रवेश पाने के लिए आर टी पीसीआर से नेगेटिव टेस्ट और उसके बाद 14 दिन का क्वारंटाइन होना अनिवार्य था मगर जब प्रफुल्ल के पटेल ने पद संभाला तो उन्होंने केवल आर टी पीसीआर टेस्ट को अनिवार्य रखा और इसका यह प्रणाम मिला कि दुसरी लहर में वहां 6000 से ज्यादा एक्टिव केस थे।

प्रफुल्ल के पटेल के खिलाफ एक वीडियो काफी वायरल हो रहा है की मछुआरों के घरों को गिराने का आदेश भी उन्होंने दिया है

उन्होंने अब पूरे लक्षद्वीप में एक लक्षद्वीप डेवलपमेंट अथॉरिटी रेगुलेशन बनाया जो कि पूरे लक्षद्वीप को स्मार्ट सिटी बनाने की रवायत कर रहे हैं

यहां के मूल निवासियों का यह मानना है कि यहां बड़ी-बड़ी कॉरपोरेट कंपनियां आकर हमारी जमीन हम से ले लेंगे, वे लोग अपने जमीनों को छोड़कर कहीं और जाने के लिए मजबूर हो जाएंगे इसी कारण वहां पिछले कई दिनों से धरना प्रदर्शन कर रहे हैं, ओर बदले की राजनीति के कारण कई पर्यावरणविदों को sedition का सामन करना पर रहा है।

यह गौरतलब है, कि लक्षद्वीप प्रकृति से बना हुआ एक शानदार प्रदेश है यह प्रदेश बायोडायवर्सिटी, वाइल्डलाइफ और नेचर से गिरा हुआ है।

यह सही मायनों में भारत के अनमोल धरोहर में से एक है।

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